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09 MARCH In The History| 9 March In The World History| 9 MARCH Important Days

    आज की प्रेरणा 

चुनौतियाँ जीवन को मज़ेदार बनाती है और उन्हें पार करना जीवन को सार्थक।

आज से हम चुनौतीयों का आनन्द लें और अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं

9 मार्च की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ👉

1776 – अर्थशास्त्र पर एडम स्मिथ की मशहूर पुस्तक 'द वेल्थ ऑफ नेशन्स' का प्रकाशन हुआ।

1822 – चार्ल्स एग ग्राहम ने पहली बार नकली दांतो का पेटेंट कराया।

1860 – जापान ने पहली बार अमेरिका में अपना राजदूत नियुक्त किया।

1916 – जर्मनी ने पुर्तगाल के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

1918 – रूसी बोल्शेविक पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी बनी।

1959 – दुनिया में सबसे ज्‍यादा पसंद की जाने वाली बार्बी डॉल ने न्‍यूयार्क के अमेरिकन टॉय फेयर में अपनी जिंदगी शुरू की।

1861 – 50, 100 और 1000 डॉलर की मुद्रा को शामिल किया गया।

1961 – 'डमी मानव' के साथ रूसी अंतरिक्ष यान स्पूतनिक 9 का सफल प्रक्षेपण हुआ।

1967 – तत्कालीन सोवियत संघ के नेता जोसेफ स्टैलिन की पुत्री स्वेतलाना अलीलुयेवा देश छोड़ कर चली गई थीं।

1973 – उत्तरी आयरलैंड में हुए एक जनमत संग्रह में जनता ने ब्रिटेन के साथ रहने के पक्ष में वोट डाला था।

1976 – जर्मनी के कवालेसे में केबल कार दुर्घटना में 42 लोगों की मौत हुई।

1977 – अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में हनाफी मुस्लिम गुट ने तीन इमारतों पर हमला कर 149 लोगों को बंधक बनाया, दो की हत्या की।

1999 - ब्रिटिश उद्योगपति स्वराज पाल को सेंट्रल बर्मिघम विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गयी ।

1999 - फ़्रांसिस्को फ़्लोरेस अल सल्वाडोर (द. अमेरिका) के राष्ट्रपति चुने गये।

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2003 - पेरू के पूर्व राष्ट्रपति अलवर्टो फूजीमोरी के ख़िलाफ़ इंटरपोल ने गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया।

2004 - पाकिस्तान ने 2000 किमी. की मारक क्षमता वाले सतह तक मार करने वाले 'शाहीन-2' (हत्फ-6) प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया।

2005 - थाक्सिन शिनवात्रा दूसरे कार्यकाल के लिए थाइलैंड के प्रधानमंत्री चुने गये।

2007 - ब्रिटेन में भारतीय डॉक्टरों को भेदभाव वाले प्रवासी नियमों पर क़ानूनी कामयाबी मिली।

2008 - गोवा के राज्यपाल एस.सी.जमीर ने महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया।

2008 - मलेशिया में हुए संसदीय चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी पराजित हुए।

2009 - तमिलनाडु ने पश्चिम बंगाल को 66 रनों से पराजित कर विजय हरारे ट्राफी जीती।

2018 - बिप्लब कुमार देब ने भारतीय राज्य त्रिपुरा के दसवें मुख्यमन्त्री के रूप में शपथ ली।

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2019 - अमेरीकी स्पेस एजेंसी नासा के लुनार रिकॉनसांईस ऑर्बिटर यान ने पृथ्वी से नजर आने वाले चन्द्रमा हिस्से में पानी के अणु खोजने में सफलता पाई।

2020 - अफगानिस्‍तान में अशरफ गनी ने दूसरे कार्यकाल के लिए राष्‍ट्रपति पद की शपथ ली।

2021 - उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दिया।

2021 - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और बांग्लादेश के बीच “मैत्री सेतु” का उद्घाटन किया।

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9 मार्च को जन्मे व्यक्ति👉

1454 – इटली के घुमक्कड़ नाविक अमेरिगो वेसपुची का जन्म हुआ। उन्हीं के नाम अमेरिगो की वजह से आज अमेरिका का नाम अमेरिका है।

1915 - डॉ. नगेन्द्र, भारत के प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार।

1930 - सोली जहांगीर सोराबजी, प्रख्यात भारतीय विधिवेत्ता और भारत के पूर्व महान्यायवादी हैं।

1931 - कर्ण सिंह, भारतीय राजनेता और लेखक ।

1934 - यूरी गागरीन, भूतपूर्व सोवियत संघ के विमान चालक और अंतरिक्षयात्री।

1938 -हरिकृष्ण देवसरे, प्रसिद्ध बाल साहित्यकार एवं संपादक।

1951 - उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, भारत के मशहूर  तबला वादक।

1956 - शशि थरूर भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व राजनयिक ।

1985 - पार्थिव पटेल, भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी।

1996 - दरशील सफ़ारी, भारतीय बाल कलाकार।

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9 मार्च को हुए निधन👉

1564 – इटली के प्रसिद्ध शायर, मूर्तिकार और वास्तुविद माईकल एंजलो का निधन हुआ।

1915 – जीव विज्ञान के विशेष जान हेनीफ़ेबर का निधन हुआ। जिन्होंने यह दृष्टिकोण पेश किया कि ज़मीन के कीड़े मकोड़े और जानवर अपनी रक्षा के लिए अपनी प्रवृत्ति में पायी जाने वाली व्यवस्था से लाभ उठाते हैं।

1941 - जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन - प्रसिद्ध इतिहासकार, अंग्रेज़ी साहित्यकार तथा अन्वेषक।

1968 - हरिशंकर शर्मा - भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, लेखक, व्यंग्यकार और पत्रकार।

1969 - हारमसजी पेरोशा मोदी, टाटा समूह और भारत के एक प्रशासक के साथ जुड़े एक प्रख्यात पारसी व्यापारी थे।

1971 - के. आसिफ़, प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशक।

1992 – इस्राईल और लिकूड पार्टी के संस्थापकों में से एक मनाख़िम बेगिन की मृत्यु हुई।

1994 - देविका रानी, भारतीय अभिनेत्री।

1996 - अख़्तरुल ईमान - उर्दू नज़्म के नए मानक स्थापित करने वाले अद्वितीय शायर थे।

1997 - बी. जी. रेड्डी, मद्रास विधान सभा के सदस्य थे।

2012 - जॉय मुखर्जी - हिन्दी फ़िल्मों के मशहूर अभिनेता और निर्माता निर्देशक।

2018 - पतंगराव कदम महाराष्ट्र के जाने माने राजनीती विशेषज्ञ और भारती विद्यापीठ के संस्थापक ।

2018 - उस्ताद पुरन चंद वडाली के भाई उस्ताद प्यारेलाल वडाली का अमृतसर में 75 वर्ष की उम्र में निधन।

2019 - अयोध्या राममंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य एवं सुग्रीव किला पीठाधीश्वर ज. गु. रामानुजाचार्य महंत पुरुषोत्तमाचार्य।

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9 मार्च के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव👉

🔅 धुम्रपान निषेध दिवस ( मार्च के दूसरे बुधवार को )।

🔅 उस्ताद जाकिर हुसैन जन्म दिवस।

                    ⚜️आज का प्रेरक प्रसंग ⚜️

            !! मंदबुद्धि बालक !

विद्यालय में सब उसे मंदबुद्धि कहते थे। उसके गुरुजन भी उससे नाराज रहते थे क्योंकि वह पढने में बहुत कमजोर था और उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था।

कक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा ही खराब रहता था। और बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे। पढने जाना तो मानो एक सजा के समान हो गया था, वह जैसे ही कक्षा में घुसता और बच्चे उस पर हंसने लगते, कोई उसे महामूर्ख तो कोई उसे बैलों का राजा कहता, यहाँ तक की कुछ अध्यापक भी उसका मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते। इन सबसे परेशान होकर उसने स्कूल जाना ही छोड़ दिया।

अब वह दिन भर इधर-उधर भटकता और अपना समय बर्बाद करता। एक दिन इसी तरह कहीं से जा रहा था , घूमते-घूमते उसे प्यास लग गयी। वह इधर-उधर पानी खोजने लगा। अंत में उसे एक कुआं दिखाई दिया। वह वहां गया और कुएं से पानी खींच कर अपनी प्यास बुझाई। अब वह काफी थक चुका था, इसलिए पानी पीने के बाद वहीं बैठ गया। तभी उसकी नज़र पत्थर पर पड़े उस निशान पर गई जिस पर बार-बार कुएं से पानी खींचने की वजह से रस्सी का निशान बन गया था। वह मन ही मन सोचने लगा कि जब बार-बार पानी खींचने से इतने कठोर पत्थर पर भी रस्सी का निशान पड़ सकता है तो लगातार मेहनत करने से मुझे भी विद्या आ सकती है। उसने यह बात मन में बैठा ली और फिर से विद्यालय जाना शुरू कर दिया।

कुछ दिन तक लोग उसी तरह उसका मजाक उड़ाते रहे पर धीरे-धीरे उसकी लगन देखकर अध्यापकों ने भी उसे सहयोग करना शुरू कर दिया। उसने मन लगाकर अथक परिश्रम किया। कुछ सालों बाद यही विद्यार्थी प्रकांड विद्वान वरदराज के रूप में विख्यात हुआ, जिसने संस्कृत में मुग्धबोध और लघुसिद्धांत कौमुदी जैसे ग्रंथों की रचना की।

शिक्षा:-

मित्रों! हम अपनी किसी भी कमजोरी पर जीत हासिल कर सकते हैं, बस आवश्यकता है कठिन परिश्रम और धैर्य के साथ अपने लक्ष्य के प्रति स्वयं को समर्पित करने की..!!

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