UGC launches 'CU-Chayan' portal for faculty recruitment
- UGC Chairman M Jagadesh Kumar has launched the Central University Faculty recruitment portal CU-Chayan.
- It is a completely user-friendly portal and caters to the needs of all the stakeholders in the recruitment process.
- Aim: To create an enabling environment for both, universities and the applicants with universities driving all the stages of the recruitment independently
- It has been developed after consultations with all the Vice Chancellors of Central Universities.
SEBI introduces the Legal Entity Identifier (LEI) System
- Capital markets regulator SEBI has introduced Legal Entity Identifier (LEI) system.
- Reason: For issuers that have listed or planning to list non-convertible securities, securitized debt instruments, and security receipts
- It is a unique global identifier for legal entities participating in financial transactions.
- It is designed to create a global reference data system that uniquely identifies every legal entity, that is party to a financial transaction.
REC Limited lists its Green Bonds of USD 750 Million at GIFT IFSC
- A Maharatna power finance company, REC Limited has exclusively listed its recently issued Green bonds worth $750 million at GIFT IFSC Stock Exchanges, under its Global Medium Term Programme of $7 billion.
- The Green bond issuance by REC Limited reinforces its status as one of the most accomplished and frequent issuers in the international capital markets.
- International Financial Services Centres Authority Chairman Injeti Srinivas attended the ceremony as chief guest.
Report on Currency and Finance (RCF) for the year 2021-22
- RBI has released a report titled, 'Currency and Finance 2022-23' with a theme of 'Towards A Greener Cleaner India'.
- This report covers four major dimensions of climate change to assess future challenges to sustainable high growth in India.
- Areas: Unprecedented scale and pace of climate change; its macroeconomic effects; implications for financial stability; and policy options to mitigate climate risks.
- The country's goal of achieving the net zero target by 2070.
Pine Labs, ICICI Bank partners to enable Digital Rupee on PoS terminals
- Merchant commerce platform, Pine Labs has partnered with the ICICI Bank for the acceptance of the digital Rupee on its PoS terminals.
- The technology integration between the two entities will now support Digital Rupee acceptance at Pine Labs’ point-of-sale terminals across key retail outlets in Mumbai and Bengaluru.
- Pine Labs’ execution of the Digital Rupee payment process is completely digital via dynamic QR (quick response) built within its smart Android PoS terminals.
कोयला परिवहन और लोडिंग सिस्टम अपग्रेड करने को उठाए कदम
इसके अलावा, कोयला मंत्रालय पर्यावरण संरक्षण, संसाधन संरक्षण, सामाजिक कल्याण और हमारे वनों और जैव विविधता को संरक्षित करने के उपायों पर जोर देकर कोयला उत्पादन के साथ सतत विकास को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल है। कोयला मंत्रालय ने खानों में कोयले के सड़क परिवहन को समाप्त करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एक रणनीति तैयार की है और 'फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी' परियोजनाओं के तहत मशीनीकृत कोयला परिवहन और लोडिंग सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए कदम उठाए हैं।
कोयले के कितने प्रकार ?
भारत में कोयले के सबसे बड़े भंडार की बात करें तो ये झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, तेलंगना और महाराष्ट्र में हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, मेघालय, असम, सिक्किम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भी कोयला मिला है। दुनिया के सबसे बड़े कोयला उत्पादक देशों में शामिल भारत आज अपनी ईंधन आपूर्ति की बढ़ती मांग को पूरा करने और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कोयला उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। आइए अब कोयले के प्रकारों के बारे में जान लेते हैं…
कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयला चार प्रकार का होता है-
1. पीट कोयला :- इसमें कार्बन की मात्रा 50% से 60% तक होती है। इसे जलाने पर अधिक राख एवं धुआं निकलता है। यह सबसे निम्न कोटि का कोयला है।
2. लिग्नाइट कोयला :- कोयला इसमें कार्बन की मात्रा 65% से 70% तक होती है। इसका रंग भूरा होता है, इसमें जलवाष्प की मात्रा अधिक होती है।
3. बिटुमिनस कोयला :- इसे मुलायम कोयला भी कहा जाता है। इसका उपयोग घरेलू कार्यों में होता है। इसमें कार्बन की मात्रा 70% से 85% तक होती है।
4. एन्थ्रासाइट कोयला :- यह कोयले की सबसे उत्तम कोटि है। इसमें कार्बन की मात्रा 85% से भी अधिक रहती है।
वाणिज्यिक खनन - वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान मंत्रालय ने 33.224 मिलियन टन प्रतिवर्ष के संचयी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) वाली कुल 23 कोयला खदानों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन खदानों से पीआरसी पर गणना करके 4,700.80 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्ति की उम्मीद है। इन खदानों से 44,906 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की आशा है। वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर के लिए प्राप्त अच्छी प्रतिक्रिया को देखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 25 कोयला खदानों को वाणिज्यिक खनन के लिए आवंटित किया जाएगा।
- अवसंरचना परियोजनाएं
प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान- रेल मंत्रालय के परामर्श से कोयला मंत्रालय नई रेलवे लाइन परियोजनाओं की बारीकी से निगरानी कर रहा है। ये कोयला निकासी के लिए महत्वपूर्ण हैं और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर कोयला क्षेत्र की मैपिंग और एनएमपी पर डैशबोर्ड का उपयोग कर रहा है।
कोयला निकासी- एफएमसी और रेलवे लाइन्स - कोयले के प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के लिए कोयला मंत्रालय ने कोयला रसद नीति व योजना अपनाई है, क्योंकि रसद कोयला आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण घटक है।
- खानों में सुरक्षा
कोयला मंत्रालय आपदा प्रबंधन, सुरक्षा प्रबंधन और प्रतिक्रिया अभ्यास और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) आदि के उपयोग सहित कोयला खदानों में सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम सुरक्षा मानकों और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
खानों का बंद होना - खनन किए गए क्षेत्रों में पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए, कोयला मंत्रालय द्वारा अक्टूबर, 2022 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कोल इंडिया लिमिटेड और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एससीसीएल) खानों की एक निश्चित संख्या में वर्ष 2009 से पहले बंद, परित्यक्त, बंद खदानें बंद करने की गतिविधियां इस वर्ष शुरू होंगी।
- कोयला क्षेत्र में तकनीकी विस्तार
कोयला क्षेत्र में प्रौद्योगिकी रोडमैप– कोयला मंत्रालय दक्षता, सुरक्षा और पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण और उप-प्रणालियों के एकीकरण, नई तकनीक (ड्रोन, रिमोट सेंसिंग), विस्फोट मुक्त कोयला खनन में प्रौद्योगिकी रोडमैप को लागू करने की दिशा में कोयला कंपनियों के लिए निगरानी ढांचे को परिचालित करेगा।
कोयले से रसायन - स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी की दिशा में एक उद्देश्य के साथ कोयला मंत्रालय ने कोयले से हाइड्रोजन, कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण, सीबीएम/सीएमएम आदि विभिन्न पहल की हैं।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का विविधीकरण- मंत्रालय की विविधीकरण पहल के हिस्से के रूप में कोल इंडिया लिमिटेड को नए व्यावसायिक क्षेत्रों का विस्तार किया जा रहा इनमें (एल्यूमीनियम, बिजली, सौर वेफर, सौर ऊर्जा और नवीकरणीय) मूल व्यवसाय के विस्तार (1 बीटी) आदि को भविष्य के व्यापार संचालन के लिए विविधतापूर्ण बनाया जा रहा है।
- कोयला क्षेत्र में स्थिरता
कोयला मंत्रालय सतत विकास मॉडल को बढ़ावा देने की संकल्पना करता है जिसमें कोयला उत्पादन पर्यावरण संरक्षण, संसाधन संरक्षण, समाज की देखभाल और हमारे वनों और जैव विविधता की रक्षा के उपायों के साथ आगे बढ़ता है। कोयला मंत्रालय ने इस दिशा में हरित पहल, इको-पार्कों/खान पर्यटन का विकास, खदान जल का लाभकारी उपयोग (ओबी) और ऊर्जा कुशल उपायों सहित कुछ प्रमुख स्थायी गतिविधियां चलाई गई हैं। इस आधार पर कार्य योजना में उल्लिखित मंत्रालय की पहल विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी और सतत भविष्य के साथ कोयले के विकास पथ पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
2023- 2024 के लिए कोयला उत्पादन लक्ष्य 1012 मीट्रिक टन
उल्लेखनीय है कि कोयला भंडारों की खोज और विकास, उच्च मूल्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी देने और सभी संबंधित मुद्दों को तय करने के संबंध में नीतियों और रणनीतियों को निर्धारित करने की समग्र जिम्मेदारी कोयला मंत्रालय की है। मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत, ये प्रमुख कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अर्थात् कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनियों के माध्यम से किए जाते हैं। वित्त वर्ष 2023- 2024 के लिए निर्धारित वार्षिक कोयला उत्पादन लक्ष्य 1012 मीट्रिक टन है।
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